Sunday, April 5, 2009

1857

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सन १८५७ की क्रांति का महत्व हम सब जानते हैं|
आज सुबह-सुबह अनायास हीं १८५७ के संग्राम का ध्यान मन में आया और मैंने गूगल पर इस संग्राम से जुरे कुछ चित्र ढूँढने को सोचा| बी बी सी की साईट पर काफी दुर्लभ चित्र मिल गए| सोचा की उन्ही चित्रों को यहाँ पर भी संलग्न करूँ| बी बी सी का धन्यवाद् भी करना चाहूँगा|


यह चित्र लखनऊ के सिकंदर बाग़ का है| इस चित्र को लेने के लिए धरती को खोद कर कंकाल निकले गए


ये कानपूर है| लगभग १००० ब्रिटिश सैनिक और उनके परिवार जनरल व्हीलर के इस छावनी में तीन सप्ताह तक छुपे रहे| नाना साहिब के बहादुर सैनिकों ने पुरे समय इस पर बमबारी करते रहे|
सती चौरा घाट, कानपूर| जनरल व्हीलर की छावनी में छिपे अंग्रेज सैनिक नाव के द्वारा इस घाट से निकलने वालेथे|
एन मौके पे नाना साहेब के सैनिक वहां पहुँच गए और ना जाने कितनों को यमलोक का मार्ग दिखाया|


गंगू मेहतर| इन्हे ८ सितम्बर १८५९ को कानपूर में फांसी दी गयी|
इनपर आरोप था की इन्होने सती चौरा घाट पे काफी अंग्रेजों को मारा था|


१८५७ के विद्रोह के सैनिकों को इस तरह सार्वजनिक रूप से फांसी देना अंग्रेजों के लिए आम बात थी|


अंग्रेजों ने अपने मारे गए सैनिकों की स्मृति में यह स्मारक दिल्ली में बनवाया| ८ जून और ७ सितम्बर १८५७ के मध्य लगभग २१६३ अंग्रेज सैनिक और अफसर मरे गए थे| यह चित्र १८७० में लिया गया|













2 comments:

  1. सतीचौरा घाट पर कब क्या कैसे हुआ , पूरी पढने की इच्छा हैं /थी

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  2. http://en.wikipedia.org/wiki/Sati_Chaura_Ghat

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